Pages

Sunday, 26 February 2017

Chapter- 1 | कम्प्यूटर परिचय

कम्प्यूटर परिचय




कम्प्यूटर एक ऐसा यंत्र, औजार या डिवाइस है जो हमारे द्वारा दिये गये आंकडों या डाटा को ग्रहण कर उस पर हमारे द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार काम करता है और हमें इच्छित परिणाम प्रदान करता है। जिन निर्देशों के आधार पर कम्प्यूटर काम करता है उन्हें हम प्रोग्राम कहते हैं। हिन्दी में कम्प्यूटर को संगणक भी कहा जाता है। कई बार हम कम्प्यूटर के लिए हम पी0सी0 शब्द का भी प्रयोग करते है। पी0सी0 एक अंग्रेजी शब्द है जिसका मतलब होता है पर्सनल कम्प्यूटर यानि व्यक्तिगत कम्प्यूटर। आपने शेयर्ड कम्प्यूटर का नाम भी सुना होगा। शेयर्ड कम्प्यूटर वह है जिसे कई भिन्न-भिन्न लोग उपयोग करते हैं। विशेष रूप से इसका तात्पर्य उस कम्प्यूटर से है, जो सार्वजनिक या साझा उद्देश्य के लिए उपलब्ध होते है। जैसे शालाएं, पुस्तकालय, इन्टरनेट और गेमिंग पैकेज और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पाए जाने वाले कम्प्यूटर।

पर्सनल कम्प्यूटर माईको्र कम्प्यूटर समानार्थक से जाने वाले वैसे कम्प्यूब्र प्रणाली है जो विशेष रूप से व्यक्तिगत अथवा छोटे समूह के द्वारा प्रयोग में लाये जाते हैं। इनक म्प्यूटरों को बनाने में माइक्रोप्रोसेसर मुख्य रूप् से सहायक होते हैं। पर्सनल कम्प्यूटर निर्माण विशेष क्षेत्र तथा कार्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। उदाहरणार्थ- घरेलू कम्प्यूटर तथा कार्यालय में प्रयोग किये जाने वाले, बाजार में, छोटे स्तर की कम्पनियां अपने कार्यालयों के कार्य के लिए पर्सनल कम्प्यूटर को प्राथमिकता देते हैं।
पर्सनल कम्प्यूटर के मुख्य कार्याें में क्रीडा खेलना, इन्टरनेट का प्रयोग, शब्द प्रक्रिया इत्यादि शामिल हैं।

पर्सनल कम्प्यूटर के कुछ व्यवसायिक कार्य निम्नलिखित हैं-


1. कम्प्यूटर सहायक रूपरेखा तथा निर्माण
2. इन्वेंट्री प्रोडक्शन कंट्रोल
3. स्प्रेडशीट कार्य
4. एकाउटिंग
5. साॅफ्टवेयर निर्माण
6. वेबसइट डिजाइनिंग तथा निर्माण
7. संाख्यिकी गणना आदि

कम्प्यूटर के प्रकार


वर्तमान में कम्प्यूटर इलेक्ट्रानिक एवं डिजिटल है। इनमें मुख्य रूप से तार ट्रांजिस्टर एंव सर्किट का प्रयोग किया जाता है। जिसे हार्डवेयर कहा जाता है। निर्देश एवं डेटा को साॅफ्टवेयर कहा जाता है। कम्प्यूटर अपने काम काज, प्रयोजन या उद्देश्य तथा रूप-आकार के आधार पर विभिन्न प्रकार के होते है।
वस्तुतः इनका सीधे-सीधे अर्थात् प्रत्यक्षतः वर्गीकरण करना कठिन है, इसलिए इन्हें हम निम्नलिखित तीन आधारों पर वर्गीकृत करते हैं।
1. अनुप्रयोग
2. उद्देश्य
3. आकार

अनुप्रयोग के आधार पर कम्प्यूटरों के प्रकार यधपि कम्प्यूटर के अनेक अनुप्रयोग है लेकिन प्रमुख अनुप्रयोगों के आधार पर कम्प्यूटरों के तीन प्रकार होते है।
1. एनालाॅग कम्प्यूटर
2. डिजिटल कम्प्यूटर
3. हाईब्रिड कम्प्यूटर

उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूब्र के प्रकारः- कम्प्यूटर को उद्देश्यों के लिए हम स्थापित कर सकते है।
1. सामान्य-उद्देश्यीय कम्प्यूटर
2. विशिष्ट-उद्देश्यीय कम्प्यूटर

आकार के आधार पर हम कम्प्यूटरों को निम्न श्रेणियाॅ प्रदान कर सकते हैं-
1. माइक्रो कम्प्यूटर
2. वर्क स्टेशन
3. मिनी कम्प्यूटर
4. मेनफ्रेम कम्प्यूटर
5. सुपर कम्प्यूटर

पर्सनल कम्प्यूटर ऐसे मइक्रों कम्प्यूटर है जो विशेष रूप से व्यक्तिगत अथवा छोटे समूह के द्वारा प्रयोग में लाए जाते हैं। इन कम्प्यूटर को बनाने में माइक्रो प्रोसेसर मुख्य रूप से सहायक होते है। पर्सनल कम्प्यूटर निर्माण विशेष क्षेत्र तथा कार्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। उदाहरणार्थ- घरेलू कम्प्यूटर तथा कार्यालय में प्रयोग किये जाने वाले कम्प्यूटर।
पर्सनल कम्प्यूटर के मुख्य कार्यों में गेम- खेलना, इन्टरनेट का प्रयोग, शब्द-प्रक्रिया इत्यादि शामिल हैं।
कम्प्यूटर का मुख्य कार्य हमारे द्वारा दिये गये डाटा को स्टोर कर उसपर कार्य कर के हमें परिणाम देना है। इसी आधार पर उन्हें कार्य क्षमता के आधार पर कुछ श्रेणियों में बाॅटा गया है। वह हैं - सुपर कम्प्यूटर, मेनफ्रेम कम्प्यूटर, मिनी कम्प्यूटर, एवं माइक्रों कम्प्यूटर आदि। सुपर कम्प्यूटर इनमें सबसे बडी श्रेणी होती है, तथा माइक्रो कम्प्यूटर सबसे छोटी।

सुपर कम्प्यूटरः- यह सबसे तेज गति से कार्य करने वाले कम्प्यूटर होते हैं। वह बहुत अधिक डाटा को काफी कम समय में इंफार्मेशन में बदलने में सक्षम होते है। इनका प्रयोग बडे-बडे कार्य करने में होता है, जैसे मौसम की भविष्यवाणी, डाटा माइनिंग, जटिल सिमुलेशन, मिसाइलों के डिजाइन आदि। इनमें अनेक माइक्रोप्रोसेसर एक विशेष छोटी मशीन जो कम्प्यूटिंग के कार्य को काफी आसानी से तथा बहुत ही कम समय में कर सकने में सक्षम होती है। किसी जटिल गणना को कम समय में पूरा करने के लिए बहुत से प्रोसेसर एकसाथ काम कराने पडते हैं। इसे पैरेलेल प्रोसेसिंग कहा जाता है। इसके अन्तर्गत जटिल काम को छोटे-छोटे टुकडों में इस प्रकार बाॅंटा जाता है कि ये छोटे-छोटे कार्य एक साथ अलग-अलग प्रोसेसिंग द्वारा स्वतंत्र रूप से किये जा सकें।

मेनफ्रेम कम्प्यूटरः- सुपर कम्प्यूटर से कार्यक्षमता में छोटे परंतु फिर भी बहुत शक्तिशाली होते हैं। इन कम्प्यूटरों पर एक समय में 256 से अधिक व्यक्ति एक साथ काम कर सकते हैं। अमेरिका की आइ0बी0एम0 कम्पनी जिसका पूर्ण रूप इंटरनेशनल बिजनेस मशीन काॅर्पोरेशन है, मेनफ्रेम कम्प्यूटर को बनाने वाली सबसे बडी कम्पनी है।

मिनी कम्प्यूटरः- मेनफ्रेम से छोटे परन्तु माइक्रो कम्प्यूटर से बडे होते हैं।

माइक्रो कम्प्यूटरः- ये सबसे छोटे होते हैं तथा इन्हीं को पर्सनल कम्प्यूटर कहा जाता है। इसका प्रथम संस्करण 1981 में विकसित हुआ था, जिसमें 8088 माइक्रो प्रोसेसर प्रयुक्त हुआ था।

कम्प्यूटर के गुण
कम्प्यूटर हमारे द्वारा दिये जाने वाले हर कार्य को बखूबी करने में सक्षम होते हैं। इसके कुछ गुण इस प्रकार हैः-
1. गतिः- कम्प्यूटर काफी तेज गति से कार्य करते हैं, जब हम कम्प्यूटर के बारे में बात करते हैं तो हम मिनी सेकेण्ड, माइक्रो सेकेण्ड में बात नहीं करते, बल्कि हम 10-12 सेकेण्ड में एक कम्प्यूटर कितना कार्य कर लेता है, इस रूप में उसकी गति को आॅकते हैं।
2. स्मरण करने या संग्रह की क्षमताः- एक सामान्य कम्प्यूटर भी एक बाद दिये गये निर्देश को काफी समय तक स्मरा रखने में सक्षम होता है, तथा जब भी आवश्यकता पडे, उसे फिर से लिखा और भरा जा सकता हे।

No comments:

Post a Comment

Major Technological Inventions And Inventors - प्रमुख तकनीकी आविष्कार और आविष्कारक

आप तो जानते है कि "आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है" लेकिन इन आविष्कार को करने के लिये आविष्कारक भी होने चाहिये, अगर ये आविष्कारक (...