Pages

Friday, 3 February 2017

समान अर्थ वाले शब्दों में सूक्ष्म अन्तर

समान अर्थ वाले शब्दों में सूक्ष्म अन्तर



















































































































































































































































































प्रार्थनागुरूजनों से विनम्र भाव से इच्छा प्रकट करना।
निवदेनदूसरों की इच्छानुसार विनम्र भाव स्वयं रखना।
आधिमानसिक दुःख को कहते है।
व्याधिशारीरिक पीड़ा को कहते है।
लोभअनियमित रूप से दूसरे धन लेने की इच्छा।
लालसाकिसी वस्तु के पानी की तीव्र इच्छा। जैसे नैनीताल देखने की मेरी हार्दिक लालसा
अज्ञजिसे कुछ भी ज्ञान न हो।
मूर्खजड़ बुद्धि वाला हो।
परामर्शअपनी बात के लिए दूसरों से मत लेता। जैसे प्रत्येक मनुष्य को बड़ांे से परामर्श लेकर कार्य करना चाहिए। जैसे - आजकल हमारे मुख्यमंत्री बिहार की राजनीतिक समस्या के विषय मंे प्रधान मंत्री से बार-बार मन्त्रणा किया करते है।
अलौकिकजो लोक और समाज मंे पहले न देखा गया हो।
अस्वाभाविकजो संसार के नियम विरूद्ध हों।
संकेतइसमंे की के काय्र करने की झिझक पैदा होती है।
लज्जाइसमें कोई बुरा काम हो जाने पर दूसरों को मुँह दिखाने की अनिच्छा होती है।
ईष्र्याकिसी को उन्नति देखकर अकारण जलना।
स्पद्र्धाकिसी की उन्नति देखकर स्वयं भी उसके बराबर होन की इच्छा करना।
प्रयाससाधारण रूप से किसी कार्य को करना।
प्रयत्नतन मन से किसी कार्य को करना।
द्वेषकारण वश बैर रखना।
द्रोहकर्तव्य विरूद्ध शत्रुता करना।
अज्ञानजिसमंे समझने की शक्ति न हो।
अनभिज्ञजो अनुभव रहित हो।
परिश्रमजो सब प्रकार के कार्य के लिए प्रयुक्त होता है।
श्रमयह हाथ पैर और मजदूरी मेहनत के लिये आता है।
भ्रान्तिअसत्य धारण को भ्रान्ति कहते हैं।
सन्देहमन के अस्थिर विचारों को सन्देह कहते हैं।
भ्रमभूल से किसी वस्तु को कुछ मान लेना।
प्रणामअपने से बड़ी आयु वालों को प्रणाम किया जाता है।
नमस्कारअपने से बराबर आयु वालांे को नमस्कार किया जाता है।
आयुसम्पूर्ण जीवन को आयु कहते हैं।
अवस्थाजन्म से वर्षों की गणना अवस्था कही जाती है।
बहुमूल्यअधिक मूल्य वाला।
अतिमूल्यअधिक एवं अनुचित मूल्य
अमूल्यजिसका कोई मूल्य न हो।
सुहृदहित अहित की चिन्ता रखने वाले मित्र का सृहृद कहते हैं।
सेवागुरूजना माता-पिता आदि की परिचर्या।
शुश्रुषारोग की देख-भाल करना।
श्रद्धाबड़ों के प्रति विश्वास पूर्ण अनुराग।
भक्तिदेवता या ईश्वर के प्रति प्रेम।
विध्नकार्य आरम्भ होने पर कोई अड़चन पड़ जाना विध्न है।
बाधाकार्य आरम्भ होने से पूर्व ही कोई अड़चन पड़ जाना ही बाधा है।
प्रतियोगिताकिसी के अहित की भावना के बिना अपनी श्रेष्ठता प्रदर्शित करने की होड़ करना।
प्रतिद्वन्द्विताजलन और हानि पहँुचाने के भाव से होड़ करना।
उद्योगकिसी कार्य को के लिए प्रयत्न करना।
उद्यमकोई धन्धा। जैसे-चीन का मुख्य उद्यम रेशम उत्पादन का है।
मित्रकिसी मुख्य से धनिष्ठ सम्बन्ध हो जाने पर वह मित्र कहलाता है।
सखासमवयस्क जिससे प्रेम हो सखा कहा जाता है।
प्रसिद्धसामान्य भाव प्रकट करता है।
ख्यातिविशेष। जैसे ताजमहल की ख्याति संसार भर में हैं।
संवेदनाकिसी के दुखः से दुखी होते हुए धैर्य देना।
सहानुभूतिकिसी के सुख दुःख को अपना सुख दुःख समझना
दयादूसरों के दुःख दूर करने की स्वाभाविक इच्छा।
कृपाछोटों के प्रति दया।
अस्त्रफंेक कर प्रहार करने वाले हथियार। जैसे वाण
शस्त्रहाथ में पकड़ कर प्रहार करने वाले हथियार। जैसे तलवार
आराधनादेवताओं से वर मांगने के लिए प्रार्थना और पूजा करना आराधना है।
उपासरनादेवता को प्रसन्नता के लिए समीप बैठकर पूजा कृत्य करना उपासना है।
पत्नीअपनी स्त्री के लिए प्रयुक्त होता है।
स्त्रीसम्पूर्ण स्त्री जाति का बोध होता है।
अहंकारअपने सो दूसरों से बड़ा समझना।
अभिमान अपने से दूसरों को छोटा समझना।
उत्साहभय की उपस्थिति में कार्य करने की प्रेरणा।
साहसभय की अनुपस्थिति में कार्य करने की प्रेरणा।
प्रलापव्यर्थ की बातंे करना।
विलापदुःख में रोना।
वात्सल्यअपनी संतान के प्रति प्रेम।
स्नेहछोटों के प्रति प्रेम।
मनुष्यमानव जाति में पुरूष तथा स्त्री दोंनों आते हैं।
पुरूषकेवल पुरूष

 

No comments:

Post a Comment

Major Technological Inventions And Inventors - प्रमुख तकनीकी आविष्कार और आविष्कारक

आप तो जानते है कि "आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है" लेकिन इन आविष्कार को करने के लिये आविष्कारक भी होने चाहिये, अगर ये आविष्कारक (...