मैमोरी और प्रोसेसर
संचित युक्तिः-
यह कम्प्यूटर के स्थाई तौर तर बहुत अधिक मात्रा में आंकडों को संचित करने की अनुमति प्रदान करता है। उदाहरण डिस्क ड्राइव टेप ड्राइव।
सेकेंडरी मेमोरीः- यह एक स्थाई संग्रहण युक्ति है। इसमें संग्रहित डेटा तथा प्राग्राम्स कम्प्यूटर के आॅफ होने के बाद भी इसमें स्थित रहते हैं।

गौण स्मृतिः 40 जी0बी0 हार्ड डिस्क ड्राइव, कम्प्यूटर में द्वितीयक भंडारण स्मृति।
गौण स्मृति या आॅक्जिलरी स्टोरेज यूनिट इसे द्वितीयक भंडार इकाई या सेकेण्डरी यूनिट भी कहते हैं। हार्ड डिस्स जिसका कि मुख्य काम है जानकारी को हमेशा के लिए सुरक्षित रखना और वो जानकारी तभी हटाई जा सकेगी यदि उसे स्वयं हटाना चाहते हैं। इस मेमोरी की खास बात ये है कि बिजली चले जाने के बावजूद जानकारी को सुरक्षित रखती है जैसे कि जब आप कम्प्यूटर बंद कर देते है तो आपके आंकडे इसी डिसक में सुरक्षित रहते हैं। इस मेमोरी को तकनीकी भाषा में स्थायी मेमोरी या नाॅन-वोलाटाईल मेमोरी भी कहते है। ये विभिन्न प्रकार की क्षमताओं में उपलब्ध है जैसे 10, 20, 40, 80, 256, 500, जी0बी0 या उससे भी ज्यादा।
मैग्नेटिक टेपः- डाटा को स्थाई तौर पर संग्रहित कर सकने वाले उपकरणों में मैग्नेटिक टेप का नाम प्रमुखता से आता है। इसमें 1/2 इंच चैडाई वाली प्लास्टिक की बिना जोड वाली लम्बी पट्टी होती है। जिस पर फैरोमेग्नेटिक पदार्थ की पर्त चढाई जाती है। इस पट्टी को हम टेप कहते हैं। टेप विभिन्न लम्बाईयों में उपलब्ध होते हैं, 400, 800, 1200, या 2400 फीट लम्बाई वाले मैग्नेटिक टेप उपलब्ध होते है। टेप पर डाटा मेग्नेटाइज्ड या नाॅ मैग्नेटाइज्ड बिन्दुओं के रूप में लिखा जाता है। एक अक्षर के लिए सात बिट या नौ बिट कोड प्रयोग में लाया जाता है। मैग्नेटाइज्ड एवं नाॅन मैग्नेटाइज्ड बिन्दुओं की कतारें टेप की लम्बाई के समानान्तर बन जाती है। इन्हें हम ज्तंबो कहते हैं।
मैग्नेटिक डिस्कः- मैग्नेटिक डिस्क की तुलना रिकार्ड प्लेयर के लाॅग प्लेविंग एल0पी0 रिकार्ड से कर सकते है। ऐसे कई रिकार्डस या डिस्क को एक के उपर एक कुछ अन्तर से लगा दिया जाये तो वे मैग्नेटिक डिस्क के समान दिखेगा। सभी डिस्क एक के उपर एक समान्तर लगी होती है। सभी डिस्कों के बने इस माध्यम को डिस्क पैक कहते है। डिस्क पैक में 11 अथवा 20 ऐसी सतहें होती हैं प्रायः सबसे उपरी तथा सबसे निचली सतह पर डाटा नहीं लिखा जाता है। इस ड्राइव में रीड व राइट हेड लगे होते हैं। जो डाटा को लिखने और पढने का काम करते हैं। ये डाटा को ज्तंबो के रूप में डिस्क पैक पर लिखते हैं।
फ्लाॅपी डिस्कः- यह एस छोटी लचीली डिस्क होती है जिसकी डाटा संग्रह करने की क्षमता बहुत अधिक नहीं होती। कीमत की लिहाज से यह बहुत सस्ती होती है। एक लचीली प्लास्टिक शीट के उपर मैग्नेटिक आॅक्साइड कोटिंग करके इसे तैयार किया जाता है। इसके एक रीड/राइट हैड होता है जो फ्लापी की सतह से स्पर्श करके डाटा लिखता व पढता हैं। ये 1.44 और 2.44 एम0बी0 की क्षमता में उपलब्ध होती है, फ्लापी डिस्क की तरह ही एक जिप डिस्क होती है। जिसकी क्षमता 100 एम0बी0 से 250 एम0बी0 और 750 एम0बी0 होती है।
पेन ड्राइवः- ये एक एक्सटर्नल होता है जिसे हम सीधे यू0एस0बी0 पोर्ट पर लगा सकते है, ये इस्तेमाल करने में बहुत आसान होता है और आसानी से उपलब्ध भी है, इसकी डाटा संग्रह करने की क्षमता भी ज्यादा होती है, ये सामान्यतः 1, 2, 4, 8, 16, 32, 64, जी0बी0 या उससे भी अधिक क्षमता में उपलब्ध है, यही कारण है कि आजकल इसका अत्यधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
आॅप्टिकल डिस्कः- आॅप्टिकल डिस्क एक इलेंक्ट्राॅनिक डाटा भंण्डारण मध्यम जिसमें से डेटा पढ सकते हैं और एक कम शक्ति लेजर बीम का उपयोग करके लिखा है, यह फ्लैट, पिरपत्र, प्लास्टिक या कांच डिस्क पर डेटा जो प्रकाश और अंधेरे गड्ढों के रूप् में संग्रहीत किया जाता हैं, लेजर बीम गड्ढे पढता हैं और डेटा तक पहॅुचा जा सकता है।
एक आॅप्टिकल डिस्क चुबंकीय भंण्डारण मीडिया पर कई लाभ प्रदान करता है।
फ्लैश मैमोरीः- आजकल हर व्यक्ति पेनड्राइव का उपयोग करता मिल जाएगा यह फ्लैश मैमोरी का ही एक उदाहरण है। फ्लैश मैमोरी नाॅन-वोलेटाइल कम्प्यूटर स्टोरेज होती है, जिसमें डाटा परमानेंटली स्टोर रहता है। मैमोरी कार्ड, यू0एस0बी0, डिजिटल कैमरा आदि में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
मैमोरी स्टिकः- मैमोरी स्टिक एक खास फ्लैश मैमोरी कार्ड है, जिसका उपयोग डाटा स्टोरेज के रूप में किया जाता है। अब इसका छोटा वर्जन भी उपलब्ध है, जिसकी क्षमता काफी अधिक होती है। इसके अलावा सीडी रोम, डीवीडी रोम, आॅप्टिकल मैमोरी, मैग्नेटिक टेप आदि भी कम्प्यूटर स्टोरेज के उदाहरण है। जिनका उपयाग आप डाटा स्टोर करने के लिए करते है।
सीडी/डीवीडी ड्राईवः- ये भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले स्टोरेज डिवाइस है सस्ती होती है इसकी संग्रहण क्षमता काफी अधिक होती है। आम तौर पर एक सीडी की संग्रहण क्षमता 700-800 एम0बी0 और एक डीवीडी की अधिकतम क्षमता 17 जीबी होती है।
हार्ड डिस्क ड्राइवः- ये किसी भी कम्प्यूटर की सबसे मुख्य स्टोरेज डिवाइस होती है। इसकी संग्रहण क्षमता काफी अधिक होती है इसलिए ये कम्प्यूटर के मुख्य संग्रहण के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। आजकल हार्ड डिस्क ड्राइव 40, 80, 160, 320, 500 जी0बी0 या उससे अधिक क्षमता में उपलब्ध है।
सी0पी0यू0 प्रोसेस और मैमोरीः-
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या सी0पी0यू0ः- सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कम्प्यूटर के सभी आॅपरेशनों का समन्वय एवं संगठन करके प्रणाली को नियंत्रित करती हैं। यह की-बोर्ड जैसे विभिन्न इनपुट उपकराणों द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करती है और प्रिंटर जैसे विभिन्न पैरीफेरल उपकरणों के लिए आउटपुट का इंतजाम करती है। यह प्राइमरी स्टोरेज में स्टोर निर्देशों को लाने के लिए उत्तरदायी होती है, उनकी व्याख्या करती है और उन सभी हार्डवेयर यूनिटों को निर्देश जारी करती है जो उन निर्देशों पर कार्य करने के लिए उत्तरदायी होता है।
ए0एल0यू0ः- यह उपकरण कम्प्यूटर की सभी गणितीय और तार्किक आॅपरेशनों को करने के लिए जिम्मेदार होता है। गणितीय आॅपरेशनों का प्रयोग संख्याओं की तुलना और ‘‘लैस दैन‘‘, ‘‘इक्वल टू‘‘ और ‘‘ग्रेटर दैन‘‘ इत्यादि निरूपित करने में किया जाता है। ए0एल0यू0 टेक्स्ट व संख्याओं दोनांे को ही संभाल सकता है। कभी-कभी कम्प्यूटर में गणितीय को-प्रोसेसर लगा होता है जो दूसरा माइक्रोप्रोसेसर होता है गणितीय कार्य के लिए ही होता है। को-प्रोसेसर का मुख्य लाभ गणना की बढी हुई गति होती है।
कम्प्यूटर स्मृति या मैमोरी का कार्य किसी भी निर्देशों, सूचना अथवा परिणामों को संचित करके रखना होता है। कम्प्यूटर के सी0पी0यू0 में होने वाली समस्त क्रियायें सर्वप्रथम स्मृति में जाती है। यह एक प्रकार के कम्प्यूटर का संग्रहशाला है। मैमोरी कम्प्यूटर का अत्यधिक महत्वपूर्ण भाग है। जहां डाटा, सूचना और प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान स्थित रहते है और आवश्यकता पडने पर तत्काल उपलब्ध होते है।
प्राइमरी मैमोरीः-
1. रैमः- त्ंदकवउ ।बबमेे डमउवतल ;त्।डद्ध कम्प्यूटर की यह सबसे महत्वपूर्ण मैमोरी होती है। इस मैमोरी में प्रयोगकर्ता अपने प्रोग्राम केा कुछ देर के लिए स्टोर कर सकते हैं। साधारण भाषा में इस मैमोरी को त्।ड कहते है। यही कम्प्यूटर की बेसिक मैमोरी भी कहलाती है। यह निम्नलिखित दो प्रकार की होती है-
डायनेमिक रैम ;क्त्।डद्ध:- डायनेमिक का अर्थ है गतिशील इस रैम पर यदि 10 आंकडे संचित कर दिए जाएं और फिर उनमंे बीच के दो आंकडे मिटा दिए जाएं, तो उसके बाद वाले बचे सभी आंकडे बीच के रिक्त स्थान में स्वतः चले जाते है और बीच के रिक्त स्थान का उपयोग हो जाता है।
स्टैटिक रैम :- स्टैटिक रैम में संचित किए गये आंकडे स्थित रहते है। इस रैम में बीच के दो आंकडे मिटा दिए जाएं तो इस खाली स्थान पर आगे वाले आंकडे खिसक कर नहीं आएंगे। फलस्वरूप यह स्थान तब तक प्रयोग नहीं किया जा सकता जब तक कि पूरी मैमोरी ‘‘वाश‘‘ करके न किया जाए।
2. रोम :- इसमें संचित सूचना को केवल पढा जा सकता है उसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता कम्प्यूटर के बंद होने पर भी राम में सूचनाएं संग्रहित रहती हैं नष्ट नहीं होती।
रीड ओनली मैमोरी:- आधुनिक कम्प्यूटर की महत्वपूर्ण मैमोरी रोम उसे कहते है, जिसमें लिखें प्रोग्राम के आउटपुट को केवल पढा जा सकता है। बेसिक आउटपुट सिस्टम ;ठप्व्ैद्ध नाम का एक प्रोग्राम रोम का उदाहरण है, जो कम्प्यूटर के आॅन होने पर उसकी सभी इनपुट डिवाइसेस की जांच करने एवं नियंत्रित करने का काम करता है।
इरेजिबल प्राॅम :- इस प्ण्ब्ण् में संचित किया गया प्रोग्राम पराबैंगनी किरणों के माध्यम से मिटाया ही जा सकता है। फलस्वरूप यह प्ण्ब्ण् दाबारा प्रयोग की जा सकती है।
इलैक्ट्रिकल ई-प्राॅम:- इलैक्ट्रिकल इरेजिबल प्राॅम पर स्टोर किये गये प्रोग्राम को मिटाने अथवा संशोधित करने के लिए किसी अन्य उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। कमाण्ड्स दिये जाने पर कम्प्यूटर में उपलब्ध इलैक्ट्रिक सिंग्नल्स ही इस प्रोग्राम को संशोधित कर देते हैं।
मदर बोर्डः-
यह कम्प्यूटर का सबसे मेन पार्ट होता है। इसके बिना हम कम्प्यूटर की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। वैसे तो कम्प्यूटर में कैबिनेट के अन्दर हर पार्ट अपने आप में जरूरी होता हैं। परन्तु मदर बोर्ड का स्थान सबसे उपर है क्योंकि इसके बिना हम कम्प्यूटर की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। यह कम्प्यूटर का मेन सर्किट बोर्ड होता हैं। यह प्रोसेसिंग डिवाइस का एक हिस्सा है।
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